
ISRO के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-तृतीय यान पूरी तरह से तैयार है। इसका पूरी तरह समन्वय कर दिया है। निश्चित रूप से सुधार के कुछ काम किए जा रहे हैं। हम अनुकरण और परीक्षणों आदि के माध्यम से मिशन को लेकर काफी विश्वस्त हो रहे हैं। और संभावना है कि इस साल के मध्य तक प्रक्षेपण हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के पहले सौर अभियान आदित्य-एल 1में बहुत ही अनूठी सौर पर्यवेक्षण क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपकरणों की आपूर्ति कर दी गई है और इसरो इनका उपग्रह में समन्वय कर रहा है। इसरो प्रमुख एवं अंतरिक्ष विज्ञान विभाग के सचिव सोमनाथ ने कहा कि मैं इसके (आदित्य-एल1) के प्रक्षेपण की बहुत उत्सकुता से प्रतीक्षा कर रहा हूं जिसके इस साल मध्यम में होने की संभावना है और मुझे विश्वास है कि हम इस मिशन को एक बहुत बड़ी सफलता में बदलने जा रहे हैं। इसरो के अनुसार चंद्रयान-तृतीय चंद्रयान-द्वितीय मिशन की अगली कड़ी होगा। इसमें चंद्रमा की सतह पर उतरने एवं चलने की पूर्ण क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा। इस मिशन में लैंडर और रोवर का गठजोड़ शामिल होगा।
चंद्रयान तृतीय का जिक्र करते हुए सोमनाथ ने कहा कि इसका ढांचा चंद्रयान-द्वितीय की तरह होगा और इसमें आर्बिटर (कक्ष में घूमने वाली), लैंडर (सतह पर उतरने की क्षमता) और रोवर (सतह पर चलने की क्षमता) होगी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आर्बिटर को उन सभी भार (पेलोड्स) के साथ विकसित किया गया है जो कि चंद्रयान द्वितीय में थे। इसमें बहुत कम भार होगा। किंतु मूलभूत लक्ष्य लैंडर को चंद्रमा की कक्ष में ले जाना और उसे चंद्रमा की सतह पर उतारना है। सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-तृतीय का प्राथमिक उद्देश्य सटीक ढंग से उतरना है (चंद्रमा की सतह पर)। उसके लिए आज बहुत काम किया जा रहा है, जिनमें नये उपकरण शामिल करना, बेहतर कलन गणित विकसित करना और विफलता के माध्यमों का ध्यान रखना शामिल है। उन्होंने कहा कि मिशन के इन पक्षों को वर्तमान में मजबूती दी जा रही है तथा वैज्ञानिक लक्ष्य कमोबेश वैसे ही रहेंगे जो पूर्व चंद्र मिशन में रहे थे। सोमनाथ ने कहा कि यह हमारे द्वारा बनाई जा रही एक बहुत अनूठी सौर पर्यवेक्षण क्षमता होगी। इसके लिए उपकरण पहले ही विकसित कर लिये गये हैं और हम इन उपकरणों को उपग्रह में लगाने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि प्रयुक्त किए जाने वाले उपकरणों का उपग्रह के साथ समन्वय करने को लेकर वर्तमान में परीक्षण किया जा रहा है।