हाईकोर्ट ने गुरुवार को ग्रामीण क्षेत्रों मे तेंदुए के हमलों में जान गंवाने और घायल होने की बढ़ती घटनाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। खंडपीठ ने वन विभाग समेत राज्य सरकार से चार सप्ताह में हमलों की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रति शपथपत्र पेश करने को कहा है।
सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तिथि नियत की गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में सुनवाई हुई। देहरादून निवासी अनु पंत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि प्रदेश में तेंदुए के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसमें कई लोग जान गंवा चुके हैं और कई घायल भी हुए हैं।
हालांकि वन विभाग ने वर्ष 2000 से 2020 के बीच 75 तेंदुओं को आदमखोर घोषित कर मारने की इजाजत दी थी। लेकिन, तेंदुओं के आतंक के चलते कई लोग गांवों से पलायन कर चुके हैं। याचिकाकर्ता का कहना है जिस तरह अन्य वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए नीति बनाई जा रही है। उसी तरह तेंदुओं के हमले को लेकर भी एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जाए, ताकि तेंदुओं के साथ-साथ इंसान दोनों को बचाया जा सके।