देहरादून : कांग्रेस वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कांग्रेस भवन में मीडिया से बात करते हुए उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग को आपदा आपातकाल जैसे हालात करार दिया। कहा कि इस आग से अब देवालय भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। जिस आपदा प्रबंधन विभाग पर जिम्मा है, वो निष्क्रिय पड़ा है। तत्काल आपदा प्रबंधन मंत्रालय को भंग किया जाए।
धस्माना ने कहा कि आज प्रदेश में डेढ़ हजार हेक्टेयर वन भूमि खाक हो चुकी है। वन संपदा, वन्य जीव जंतु, आम आदमी तक हताहत हुए हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी सरकारी सिस्टम के कानों पर किसी भी तरह की जूं तक नहीं रेंग रही है। इस बार बर्फवारी वाले इलाकों तक में आग लगी हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह गायब है। आलम ये है कि पहाड़ों में तो दूर राजधानी देहरादून तक में आग से बचाव नहीं हो पा रहा है। सितंबर महीने से ही आग से निपटने के इंतजाम शुरू हो जाने चाहिए थे। कहा कि पूरे देश में उत्तराखंड में ही आपदा प्रबंधन मंत्रालय है। ऐसा उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार की आपदाओं को देखते हुए किया गया। इसके बाद भी ये विभाग सिर्फ रिपोर्ट लेने भर तक सीमित रह गया है।
पूरी सरकार दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त है। जिम्मेदार लोग राज्य से गायब हैं। चारों धामों में यात्रा रूट पर जंगल जल रहे हैं। इससे पर्यटन सेक्टर भी बुरी तरह बाधित हो रहा है। इस आपात काल में जिस तरह सरकारी सिस्टम बेपटरी हो चुका है, उसे देखते हुए कांग्रेस राज्यपाल से मुलाकात कर जल्द दखल देने की मांग करेगा। कहा कि कांग्रेस आपदा जैसे विषय को राजनीतिक विषय नहीं बनाना चाहती, लेकिन जिस तरह पूरी सरकारी सिस्टम सोया हुआ है। उसे जगाने को कांग्रेसी सड़कों पर उतर आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट भी मौजूद रहे।