मंगलवार को आधी रात में अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में इमरजेंसी में तैनात तैनात डॉक्टर नशे में धुत मिला था। वह नशे में इतना धुत था कि पर्चा लिखने तक की स्थिति में भी नहीं था। अब उक्त डॉक्टर पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने मामले का संज्ञान लिया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रभारी सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने आपातकालीन कक्ष के चिकित्साधिकारी डॉ. उद्भव सिंह के द्वारा रात्रि में इलाज हेतु पहुंचे परिजनों के साथ अभद्रता तथा नशे में होने के मामले का संज्ञान लिया है। जिस पर प्रभारी सचिव ने जिला अस्पताल अल्मोड़ा की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुसुम लता से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा गया है। पूछा गया है कि उक्त घटना को दो दिन होने के पश्चात उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है। इसके लिए तीन दिन के अंदर संपूर्ण घटना का पूर्ण स्पष्टीकरण शासन को देना होगा। प्रभारी सचिव ने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं की जाएंगी। इस प्रकार की घटनाओं में कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग का प्रथम कर्तव्य किसी भी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आए व्यक्तियों को प्रथम उपचार देना है और सरकार की सेवाओं से संतुष्ट करना है। मंगलवार को देर रात बुखार से तप रहे पांच वर्षीय बेटे आरुष को लेकर बलवंत लाल अल्मोड़ा जिला अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान इमरजेंसी में तैनात तैनात डॉक्टर नशे में इतना धुत था कि वह पर्चा लिखने तक की स्थिति में भी नहीं था।