शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आश्वासन के बाद समस्याओं के समाधान में देरी से रूठे शिक्षकों को मनाया। डॉक्टर रावत ने शिक्षकों की लंबित मांगों पर अब तक की कार्यवाही की जानकारी दी और कहा कि 20 जनवरी को एक बार फिर से उच्च स्तरीय बैठक की जाएगी।
इस बैठक में शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ वित्त और कार्मिक विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया जा रहा है। शिक्षकों को यात्रावकाश की बहाली का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।
शनिवार सुबह शिक्षा मंत्री के यमुना कालोनी स्थित कैंप कार्यालय में हुई बैठक में लंबित मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई। डेढ़ घंटे तक चली बैठक में शिक्षक संघ अध्यक्ष राम सिंह चौहान, प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने मंत्री को सिलसिलेवार लंबित मांगों की जानकारी दी। चौहान ने कहा कि चार अगस्त को शिक्षा निदेशालय में हुई बैठक में 33 मांगों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था। कुछ दिन बाद यात्रावकाश बहाली का आदेश जारी तो हुआ लेकिन उसे तत्काल ही वापस भी ले लिया गया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि एलटी से प्रवक्ता और हेडमास्टर पद पर प्रमोशन की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाएगा। इसका गंभीरता से प्रयास जारी है। इसके साथ ही चयन प्रोन्नत वेतनमान पर एक इंक्रीमेंट, कनिष्ठ-वरिष्ठ वेतन निर्धारण, प्राथमिक से समायोजित शिक्षकों को चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान में पूर्व की सेवाओं को शामिल करने और अंतरमंडलीय तबादलों पर भी निर्णय किया जाएगा।
बैठक के बाद चौहान और पैन्यूली ने बताया कि शिक्षा मंत्री का रुख सकारात्मक रहा है। फिलहाल उनसे उम्मीद है कि वो जरूर शिक्षकों की मांगों पर कार्यवाही करेंगे।
शिक्षकों के साथ बैठक के दौरान ही धर्मपुर विधायक विनोद चमोली भी एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मंत्री आवास पहुंचे। शिक्षकों की समस्या सुनने और यात्रावकाश की बहाली का आदेश निरस्त किए जाने पर चमोली ने भी हैरानी जताई। चमोली ने शिक्षा मंत्री को कहा कि, आप मंत्री हैं। विभागीय मुखिया हैं। यदि कोई मांग वाजिब है तो उसके समाधान के लिए नियम-कानून बनाएं। कैबिनेट विधानसभा में प्रस्ताव लाइये। अफसर भला कौन होते हैं आदेशों को रोकने वाले।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि लोक सेवा अभिकरण में भी सदस्य के रूप में आईएएस अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मालूम हो कि अभिकरण में शिक्षकों के प्रमोशन पर निर्णय होना है। लेकिन कोरम पूरा न होने की वजह से फैसला नहीं हो पा रहा है। प्रशासनिक अधिकार कोटे का पद रिक्त होने की वजह से यह स्थिति बनी है।