यूपीसीएल मैनेजमेंट के खिलाफ उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने सभी डिवीजनों में सत्याग्रह शुरू करते हुए धरना दिया । मैनेजमेंट पर अधिशासी अभियंता के खाली पदों पर जानबूझ कर प्रमोशन न किए जाने का आरोप लगाया।
वरिष्ठता में जूनियर लोगों को प्रभारी अधिशासी अभियंता का चार्ज देने पर भी सवाल खड़े किए गए।
एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को प्रदेश भर में पॉवर जूनियर इंजीनियर एकजुट हुए। देहरादून में ईसी रोड पर इंजीनियरों ने धरना दिया। मैनेजमेंट पर जूनियर इंजीनियरों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। उनके हितों को प्रभावित करने, मूल अधिकारों से वंचित करने के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रकट किया गया। केंद्रीय अध्यक्ष आनंद रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश में ऊर्जा निगम अकेला ऐसा विभाग है, जहां मैनेजमेंट नियमित व्यवस्था की बजाय कमजोर प्रभारी व्यवस्था को बढ़ावा देने में अधिक दिलचस्पी दिखा रहा है।
केन्द्रीय महासचिव पवन रावत ने कहा कि यही वजह है, जो अधिशासी अभियंताओं के 40 से अधिक पद खाली होने के बावजूद प्रमोशन नहीं किए जा रहे हैं। प्रमोशन पर किसी भी न्यायालय से कोई रोक नहीं है। बल्कि ट्रिब्यूनल के आदेश पर एक पद पर प्रमोशन किया भी गया है। कोर्ट में वरिष्ठता सूची जमा की जा चुकी है। कोर्ट के आदेशों के अधीन प्रमोशन किए जा सकते हैं। कहा कि सीधे प्रमोशन कर मजबूत व्यवस्था बनाने की बजाय मैनेजमेंट वरिष्ठता में जूनियर लोगों को डिवीजनों के चार्ज दे रहा है। अब इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आंदोलन तेज किया जाएगा।
विरोध जताने वालों में प्रान्तीय अध्यक्ष सुनील उनियाल, राजीव खर्कवाल, राममनोहर, विजय कुमार जैन, संजय, हर्ष बल्लभ नौडियाल, सौरभ चमोली, सूर्य प्रकाश, नवनीत चौहान, राहुल अग्रवाल, विकास कुमार, केडी जोशी, सुनील पोखरियाल, मनोज रावत, शैलेन्द्र मधवाल, भूपेन्द्र तोपवाल, शिवानी, पिंकी, वीना, मधु सिंह, सोनल, प्रीति कठैत, रूबी, राधा, केपी , पंकज जोशी, विक्रम सिंह, मनमोहन बागड़ी, बी एस पंवार, मोहम्मद दानिश, गुलज़ार आदि मौजूद रहे।