श्रीनगर में मंगलवार को औषधि नियंत्रक विभाग की ओर से छापेमारी की कार्रवाई की गई थी। इस दौरान मेडिकल स्टोरों के लिए बनाए गए मेडिकल डिवाइस लाइसेंस के नियम की अनदेखी किए जाने पर छापेमारी टीम की ओर से सख्ती बरती गई। विभाग की इस सख्ती पर मेडिकल स्टोर संचालकों का कहना है कि अक्तूबर 2022 में मेडिकल डिवाइस लाइसेंस की अनिवार्यता की गई। जिसको अभी पूरी तरह से अमल में नहीं लाए जाने के कारण मेडिकल स्टोर संचालक अपने लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए हैं।उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान टीम के समक्ष भी इस बात को रखा गया और लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया पूरी करने की बात उनके द्वारा कही गई। जिस पर टीम ने भी अपनी सहमति दी, लेकिन कुछ देर बाद टीम द्वारा रिपोर्ट तैयार कर उनसे क्रय-विक्रम न किए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर करवा दिए गए।
वरिष्ठ औषधि निरीक्षक चंद्र प्रकाश नेगी ने बताया कि औचक निरीक्षण में मेडिकल डिवाइस लाइसेंस न मिलने व अन्य मानकों का पालन न किए जाने पर आठ मेडिकल स्टोर में क्रय-विक्रय पर रोक लगाकर उन्हें दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
ड्रगस्टि एंड कैमिस्ट एसोसिएशन श्रीनगर गढ़वाल के अध्यक्ष अजय काला ने कहा कि औषधि नियंत्रक विभाग से की गई इस तरह की छापेमारी से आहत श्रीनगर व श्रीकोट के सभी मेडिकल स्टोर संचालकों ने अपने मेडिकल स्टोर अनिश्चितकाल तक बंद कर दिए हैं। कहा छापेमारी का विरोध नहीं है। पहली बार मेडिकल डिवाइस लाइसेंस को लेकर यह निरीक्षण किया गया। जिसके लिए सभी मेडिकल स्टोर संचालकों ने लाइसेंस बनाने के लिए समय दिए जाने की मांग की, लेकिन उनकी मांग को अनदेखा किया गया। किसी भी मेडिकल संचालक के पास अभी यह लाइसेंस नहीं है। लाइसेंस न होने से सभी ने अपने मेडिकल स्टोर बंद करने का निर्णय लिया है।
उत्तरांचल औषधि व्यवसाई महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएम मनकोटी ने कहा कि यह लाइसेंस अभी कुछ समय पहले लांच हुआ है। यह अभी पूरे प्रदेश में भी सही ढंग से लागू नहीं हुआ है। श्रीनगर को टारगेट करने से पहले विभाग की ओर से सभी कैमिस्ट संचालकों को इसकी जानकारी व लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया बतानी चाहिए थी। यदि इसका समाधान जल्द नहीं किया गया तो महासंघ पूरे प्रदेश में दवा व्यवसाय को बंद कर देगा।