केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कुरूक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कुरूक्षेत्र की पावन धरती पर पांच हजार साल पहले भगवान कृष्ण ने धर्म की स्थापना के लिए गीता का उपदेश देकर समूची मानवता को नई राह दिखाई थी। अगर हम गीता का ज्ञान फैलाने में सफल रहें तो कभी युद्ध नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में यहां आकर गीता का प्रचार विश्व स्तर पर करने का संदेश दिया था। जिसका अनुसरण करते हुए हरियाणा की मनोहर सरकार और स्वामी ज्ञानानंदजी महाराज आज कई देशों में गीता जयंती का भव्य आयोजन करवा चुके हैं और यह आयोजन अब अंतरराष्ट्रीय रूप ले चुका है।
गृहमंत्री ने कहा कि भाजपा की मान्यताएं संस्कृति को बढ़ावा देती हैं। पिछले नौ वर्षों के दौरान केंद्र व हरियाणा की सरकारों ने गीता के उपदेश का अनुसरण करते हुए न केवल शासन को संचालित किया है बल्कि आमजन में भी आपसी भाईचारे को मजबूत किया है। केंद्र सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर कश्मीर को हमेशा के लिए भारत का हिस्सा बनाया है। हरियाणा सरकार ने भी केंद्र की योजनाओं को सबसे पहले लागू कर समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का काम किया है।
इससे पहले केन्द्रीय मंत्री अमित शाह का कुरूक्षेत्र पहुंचने पर स्वागत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वागत किया। मनोहर लाल ने कहा कि कई हजार साल पहले दिया गया गीता का संदेश आज भी शाश्वत है। वर्ष 2016 में शुरू हुआ यह आयोजन अब अंतरराष्ट्रीय स्वरूप ले चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आज़ादी के बाद देश में कुछ चुनौतियां थीं। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश की रियासतों को मिलाकर विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मंदिर निर्माण, धारा 370 जैसे मुद्दे रहते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह ने उनका आसानी से समाधान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान केंद्र की सरकार ने जिस भावना के साथ काम किया है, उससे प्रधानमंत्री मोदी तथा गृहमंत्री शाह को अगर आधुनिक भारत का लौह पुरूष कहना गलत नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जिस तहत के फैसले केंद्र सरकार ने लिए हैं, उनसे देश न केवल मजबूत हुआ है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का गौरव भी बढ़ा है। इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, योग गुरू आचार्य रामदेव के अलावा कई संत महात्मा मौजूद थे।