पुलिस-प्रशासन की सजगता के कारण इस पूरे इलाके में बिना हैलमेट के एक किलोमीटर का सफर करना मुश्किल होता है, लेकिन अवैध खनन की गाड़ियां बिना किसी खौफ के दिन-रात धड़ल्ले से चलती हैं : आर्येन्द्र शर्मा

डबल इंजन और सुशासन का दम भरने वाली भाजपा सरकार खनन माफियाओं के सामने नतमस्तक होकर अपनी शह पर अवैध खनन कराने की तैयारी कर रही है.
पछवादून समेत पूरी देवभूमि उत्तराखंड को छलनी करने का धंधा शाम ढलते ही शुरू हो जाता है. पछवादून की यमुना नदी हो या फिर आसन नदी सभी जगह खनन माफिया सरकार की शह पर अपने अवैध खनन के धंधे को बेरोक-टोक चलाते हैं. दिन के उजाले में एक-एक कर डंपर जाते हैं, तो रात के अंधेरे में गाड़ियों का रेला लग जाता है. पुलिस-प्रशासन की सजगता के कारण इस पूरे इलाके में बिना हैलमेट के एक किलोमीटर का सफर करना मुश्किल होता है, लेकिन अवैध खनन की गाड़ियां बिना किसी खौफ के दिन-रात धड़ल्ले से चलती हैं.
सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने पछवादून के इन इलाकों में खनन पर रोक लगाई हुई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अब मात्र पर्यावरण स्वीकृति के नाम पर खनन की अनुमति देने की तैयारी की जा रही है. खनन के इस खेल में सरकार से लेकर प्रशासन तक सबका बही खाता बना हुआ है.
यदि अवैध खनन का ये गोरखधंधा पछवादून में फिर से शुरू होता है तो पछवादून की जनता जन आंदोलन करने पर विवश होगी.

 

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