मातृभूमि के लिये बलिदान देने वालों और संघर्ष करने वालों के प्रति समाज और सरकार को कृतज्ञ होना चाहिए – स्वदेशी जागरण मंच

देहरादून | स्वदेशी जागरण मंच के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के पशुपालन,कौशल विकास,दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा जी से विभिन्न विषयों पर प्रवीण पुरोहित के नेतृत्व में देहरादून स्थित आवास पर मुलाकात की, तथा ज्ञापन देकर चर्चा करी.जिस पर मंत्री जी ने सचिव पेयजल , सचिव उद्योग, सचिव सिंचाई, जिलाधिकारी Pauri को फोन कर कार्यवाही के लिए निर्देश दिया है. साथ ही में पशुपालन एवं जल जीवन मिशन आदि विषयों पर 1-2 दिनों में ही विधानसभा में बैठक कर समस्याओं के समाधान का रास्ता निकाला जाएगा.
इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संघर्षवाहिनी प्रमुख प्रवीण पुरोहित ने सौरभ बहुगुणा को बताया है कि

(1)माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी के निर्देश पर 3 कैबिनेट मंत्रियों की एक महत्त्वपूर्ण कमेटी बनाई है, जिसमें एक कैबिनेट मंत्री आप है, जिसका notification सोमवार को आने की संभावना है जो उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारीयो को 10% आरक्षण का विषय देखेगी. आप खुद कानून के अच्छे जानकार है और इस विषय पर आप हल निकाल सकते हैं. सभीकी बहुत उम्मीद भरी नजरे आप पर टिकी है. उत्तराखंड राज्य प्राप्ति आंदोलन में आंदोलनकारियों द्वारा दी गई शहादतों, उनके द्वारा झेले गये दमन और अत्याचार को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखंड की प्रथम निर्वाचित सरकार के मुखिया स्वर्गीय पंडित नारायण दत्त तिवारी ने आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में 10 % क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश जारी किया था।
शासकीय अधिवक्ताओं की लचर पैरवी और लापरवाही के कारण यह शासनादेश एक ऐसी जनहित याचिका संख्या 67/2011 में निरस्त हो गया, जिसकी विषय वस्तु में यह शासनादेश सम्मिलित ही नहीं था।
परिणामस्वरूप जहाँ एक ओर सेवारत 1700 आंदोलनकारी श्रेणी के कार्मिकों की सेवाओं पर भी संकट आ गया है वहीँ दूसरी ओर परीक्षाओं में सफल घोषित हुए अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
आंदोलनकारी लम्बे समय से 10 % क्षैतिज आरक्षण की बहाली की माँग कर रहे हैं। स्वदेशी जागरण मंच यह मानता है कि मातृभूमि के लिये बलिदान देने वालों और संघर्ष करने वालों के प्रति समाज और सरकार को कृतज्ञ होना चाहिए। अतःउनकी इस माँग से मंच स्वयं को सम्बद्ध करता है।
आंदोलनकारियों की इस न्यायोचित माँग के प्रति आप समयबद्ध आवश्यक कार्रवाई करते हुए इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे, ऐसी अपेक्षा है .
(2)गाय पालन कर रहे लोगों को राहत देने का निर्णय अब शासन इसतर पर लंबित है, इस विषय में जल संस्थान से प्रस्ताव बनकर शासन को चला गया है, एक तरफ तो स्वरोजगार बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं मैं सरकार सब्सिडी दे रही हैं वहीं दूसरी तरफ गाय पालन कर रहे लोगों को जल संस्थान द्वारा सामान्य बिल लगभग 700 रुपये के स्थान पर कमर्शियल कमर्शियल लगभग 2800 रुपये बिल दिया जा रहा है, कोटद्वार सहित उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से ,कई जगह से इसकी शिकायत आ रही है,जिसको कमर्शियल की जगह समान्य बिल पर जनहित में फैसला अतिशीघ्र किया जाये. इसको 4-5 गाय तक समान्य किया ही जाना चाहिए.
(3) जल जीवन मिशन में आ रही विभिन्न दिक्कत के बारे में जानकारी दी.
(4) साथ ही मैं बताया कि “कर्णआश्रम को “स्वच्छ भारत मिशन” के अंतर्गत “स्वच्छ iconic स्थान” के रूप में चयनित किया गया था, परन्तु वहां तक पहुंच मार्ग ही क्षतिग्रस्त हो रखा है,उसको बनाया जाना जरूरी है. यहां विभिन्न कारणों से कोई कार्य नहीं हो पाए हैं,बड़ी योजना जरूर बनी है, प्रस्ताव विभागों से गए भी है,परंतु अभी तक वहां CSR फंड के लिए कोई कंपनी का चयन नहीं हुआ है, प्रधानमंत्री जी की सोच थी कि प्रोजेक्ट के लिए बड़ी कंपनिया
अपने CSR फंड से जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से ऐसे राष्ट्रीय महत्व, धार्मिक महत्व,प्राचीन जगहों का विकास करेगी, परंतु कारोना के कारण, विभागों के बीच तालमेल नहीं होने,विभागों की लापरवाही आदि कई कारण से विकास कार्य रुक गए हैं,कर्ण आश्रम का हाई कोर्ट में भी मामला होने के कारण सब कार्य गलतफहमी की वजहों से अटक गए जबकि जिस विषय पर मामला नहीं है,वहां तो कार्य होना चाहिए, वहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा वहां मिली मूर्तियां के लिए उत्खनन कार्य भी शुरु नहीं किया है, आपके निर्देश दिया था कर्णआश्रम संपर्क मार्ग का निर्माण की योजना स्वीकृति शासन इसतर पर लंबित है,अवसर पर प्रवीण पुरोहित ने विशेष रूप से कर्ण आश्रम संपर्क मार्ग, सौन्दर्यीकरण विकास कार्य हेतु स्वजल द्वारा किसी कंपनी के CSR फंड से, अथवा नामामी गंगा योजना में शामिल कर कार्य करवाने,सुरक्षा दीवार बनाने का भी निवेदन किया.
(5)साथ मैं ही लघु कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिये सब्सिडी से लेकर विभिन्न विषयों पर आ रही दिक्कत पर जल्दी निर्णय करने .pesticides के सरकारी टेंडर मैं अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड की कंपनी को भी प्रतिभाग करने का मौका देने के लिए निवेदन किया.
6)कोटद्वार में राज्य आंदोलनकरियो की मृतक पेंशन में बहुत देरी हो रही है, जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी , तहसीलदार तो पत्र लिखकर समय पर जांच के लिए निर्देश दे देते हैं पर जहां से जांच रिपोर्ट जानी चाहिए वहां महीनों लटका रहता है,जिससे दुःखी गरीब परिवार बहुत मानसिक वेदना सहता है.
प्रतिनिधिमंडल में प्रांत संयोजक सुरेन्द्र जी, प्रांत संघर्षवाहिनी प्रमुख प्रवीण पुरोहित, क्रांति कुकरेती, मेहरबान सिंह रावत, नरेंद्र रावत, कृष्ण सिंह नेगी, प्रिंस आदि शामिल थे. साथ में स्वदेशी के कार्यकर्ताओं ने मेले में दिए गए सहयोग के लिये सौरभ बहुगुणा जी का आभार व्यक्त किया.

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