अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हल्द्वानी वासियों के हक में नहीं आता तो सरकार के पास क्या प्लान था : गरिमा दसौनी

देहरादून: हल्द्वानी अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट  ने नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. जिसका कांग्रेस ने स्वागत किया है. कांग्रेस ने कहा उच्चतम न्यायालय ने वनभूलपुरा अतिक्रमण  मामले में करीब एक महीने का स्टे दिया है. यह हल्द्वानी वासियों के लिए बड़ी राहत है. वहीं, इसी बहाने कांग्रेस ने सीएम पुष्कर धामी पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा जहां एक और न्यायाधीशों ने मानवीय दृष्टिकोण की बात अपने निर्णय में कही, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के मुख से एक बार भी मानवीय दृष्टिकोण का शब्द नहीं निकला. उन्होंने एक बार भी हल्द्वानी वासियों के लिए संवेदनशीलता नहीं जताई. उन्होंने यह भी नहीं बताया कि अगर अदालत से हल्द्वानी वासियों के पक्ष में निर्णय नहीं आता है तो, मुख्यमंत्री होने के नाते उनकी ओर से वहां के लोगों के लिए क्या मदद की जाएगी ? गरिमा दसौनी ने कहा कि मुख्यमंत्री का बार-बार यही कहते रहे कि मामला रेलवे और कोर्ट के बीच का है. ऐसे में कोर्ट जो भी फैसला देगा, राज्य सरकार उसका निर्वहन करेगी, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर धामी यह भूल रहे है कि हल्द्वानी के निवासी भी उत्तराखंड के निवासी हैं और उनके आंसू पोंछने और उनके पुनर्वास के लिए कोई प्लान है या नहीं है . हल्द्वानी के वनभूलपुरा मामले में आज हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद करीब चार हजार परिवारों के आशियानों को फिलहाल नहीं उजाड़ा जाएगा. वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से पहले कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता कोर्ट पहुंचे थे. जहां से उन्हें राहत भरी खबर मिली.

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