हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में मिली हार से सबक लेकर भाजपा पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में अलर्ट हो गई है। प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम बीते कुछ दिनों से सक्रिय हो गए हैं। भाजपा ने आगामी चुनावों के लिए मिशन 51 प्रतिशत वोट शेयर लक्ष्य रखा है। अब देहरादून से रिपोर्ट लेकर दिल्ली में सांसदों की क्लास ली गई। सोमवार शाम को भाजपा के दिग्गज दिल्ली में हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के आवास पर जुटे और आगामी चुनावों, निकाय, लोकसभा चुनाव और जी 20 के लिए उत्तराखंड के दो कार्यक्रमों को मिली मेजबानी को लेकर मंथन हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही प्रदेश भाजपा संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया। हालांकि दावा किया गया कि बैठक में संसद के शीतकालीन सत्र में उठाए जाने वाले राज्य से जुड़े विषयों को लेकर दिल्ली में यह बैठक बुलाई गई और संसद के प्रत्येक सत्र से पहले राज्यों की इस तरह की बैठकें बुलाए जाने की परंपरा है, लेकिन पार्टी के सूत्रों का दावा है कि भाजपा हाईकमान के निर्देश पर उत्तराखंड सीएम, प्रभारी, सांसदों की हाईलेवल की मीटिंग की गई।
इसमें राज्य के सभी सांसदों (पांच लोकसभा और तीन राज्यसभा सदस्य) समेत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट व प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय ने भाग लिया। हाईकमान ने सांसदों को अभी से प्रवास को लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही बूथ प्रबंधन को सशक्त बनाने के लिए सांसद, विधायक व संगठन के पदाधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की गई है, जहां पार्टी चुनाव हारी है। ऐसे में साफ है कि भाजपा पहले निकाय चुनाव और फिर 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर काफी एक्टिव मोड में आ गई है। जिसके लिए सांसदों से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया जा रहा है। साथ ही एकजुट होकर निकायों और लोकसभा चुनावों में उतरने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जिससे चुनाव में किसी तरह की गलती की गुंजायश न रह जाए।