उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर में 14.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सीएमआईई की हालिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल अप्रैल से जून 2021 की तिमाही में उत्तराखंड की बेरोजगारी दर 17.00 प्रतिशत थी। अब मई 2022 में यह 2.9 प्रतिशत तक रह गई है। राज्य में इस वक्त सेवोयाजन कार्यालय में दर्ज बेरोजगारों की संख्या आठ लाख 39 हजार 697 हो चुकी है।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने गुरूवार को प्रश्नकाल में सदन को यह जानकारी दी। भगवानपुर विधायक ममता राकेश और धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार के सवालों के जवाब में बहुगुणा ने कहा कि रोजगार सृजन के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
पिछले पांच साल में लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड और निजी क्षेत्र-परियोजनाओं में सात लाख 13 हजार 32 लोगों को रोजगार दिया गया है। 15 हजार 561 विभिन्न पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी विभिन्न स्तर पर जारी है। रोजगार मेलों का जिला और ब्लॉक स्तर पर आयोजन बढ़ाया जाएगा। हालांकि ममता ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि सेवायोजना विभाग का अपना औचित्य ही खो चुका है।
सेवायोजन विभाग को बनाएंगे आउटसोर्स एजेंसी
बहुगुणा ने कहा कि सरकार सेवोयाजन विभााग को आउटसोर्स एजेंसी बनाएगी। इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी और वित्त विभाग से भी बातचीत की गई। धनोल्टी विधायक प्रीतम पंवार के सवाल के जवाब में उन्होंने यह जानकारी दी। प्रीतम ने पूछा था कि उपनल और पीआरडी के जरिए चयन की एक तय प्रकिया है। उसमें सभी बेरोजगारों का मौका नहीं मिल पाता।
शिक्षा विभाग में टिहरी का उदाहरण देते हुए कहा कि तीन साल से पीआरडी के जरिए भर्ती होनी थी, लेकिन आज तक नहीं हो पाई। बहुगुणा ने कहा कि इन तकनीकि दिक्कतों के समाधान के लिए सेवायोजन विभाग को आउटसोर्स एजेंसी के रूप में विकसित करने कोशिश की जा रही है।
रोजगार पर इस बार न हुआ हंगामा
रोजगार के आंकड़ों का लेकर सदन में पिछले दो साल से लगातार हो रहा हंगामा इस बार नहीं हुआ। पिछले साल दिसंबर 2021 में विधानसभा सत्र के दौरान सरकारी आंकड़ों को लेकर विपक्ष ने सरकार को कठघरे में कर दिया था। तब तत्कालीन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने पांच साल में सात लाख लोगों को रोजगार देने का दावा किया था।