नई दिल्ली 27 जुलाई 2023 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 123 एकड़ में फैले भारत मंडपम के उद्घाटन के अवसर पर देशवासियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मंडपम लोकतंत्र को दिया गया खूबसूरत उपहार है। जी-20 देशों की बैठक में इसकी भव्यता दुनिया देखेगी। आगामी सितंबर में जी-20 देशों के शीर्ष नेताओं की बैठक भारत मंडपम में आयोजित होगी। देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कई दिलचस्प बातें बताई, जो चर्चा का विषय बन चुका है।पीएम मोदी ने कहा,”मैं भारतवासियों से कहना चाहता हूं कि साल 2024 के बाद देश की प्रगति की गति और तेज होगी। देशवासी अपने सभी सपने साकार होते देखेंगे।” “यह मोदी की गारंटी है कि तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीन शीर्ष इकोनमी में शामिल होगा। अपने ट्रैक रिकार्ड के आधार पर मैं भारत को शीर्ष तीन इकोनमी में खड़ा करने की गारंटी दे रहा हूं। हमारे पहले कार्यकाल में भारत की इकोनमी 10वें स्थान पर थी, जो दूसरे कार्यकाल में पांचवें स्थान पर पहुंच गई।”
“भारत मंडपम पर हर भारतीय को गर्व है यह भारत की इच्छाषक्ति की प्रतीक है और नए भारत का प्रतिबिंब है।“
“आज दुनिया इस बात को भी स्वीकार कर रही है कि भारत लोकतंत्र की जननी है।“
“पिछले नौ वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर 34 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस साल भी बजट में पूंजीगत विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। रेल विद्युतीकरण, ग्रामीण सड़क निर्माण, एयरपोर्ट निर्माण, मेट्रो निर्माण जैसे सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के कार्यों में पिछले नौ साल में कई गुना बढ़ोतरी हुई है।“
पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा,“भारत मंडपम का निर्माण रोकने की भी कोशिश की गई। अदालतों के चक्कर लगाए गए। लेकिन कोई भी समाज टुकड़ों में सोचकर आगे नहीं बढ़ता है। नए संसद भवन के निर्माण के समय भी रोड़े अटकाने का काम किया जा रहा था। निर्माण के लिए हमारी सरकार समग्र तरीके से सोचकर काम कर रही है।“
प्रधानमंत्री ने आगे कहा,”भारत गरीबी को दूर कर सकता है और नीति आयोग के आंकड़े बता रहे हैं कि पांच साल में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं> अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों का कहना है कि भारत में अत्यधिक गरीबी खत्म होने के कगार पर है।“
पीएम मोदी ने सुनाई कविता
पीएम मोदी ने कहा कि एक अद्भुत दृश्य मेरे सामने है। भव्य है, विराट है, विहंगम है। आज का ये जो अवसर है, इसके पीछे जो कल्पना है और आज हमारी आंखों के सामने उस सपने को साकार होते हुए हम देख रहे हैं, तब मुझे एक प्रसिद्ध कविता की पंक्तियां गुनगुनाने का मन कर रहा है।
नया प्रातः है, नई बात है, नई किरण है, ज्योति नई,
नई उमंगे, नई तरंगे, नई आस है, सांस नई।
उठो धरा के अमर सपूतों पुनः नया निर्माण करो,
जन जन के जीवन में फिर से नई स्फूर्ति नव प्राण भरो