देहरादून :कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मलिन बस्तियों को नियमित करने को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर कानून पारित किए जाने की मांग की।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में धस्माना ने कहा कि राज्य की सभी ऐसी मलिन बस्तियों के लिए जो 2010 से पहले की बसी हैं, उन्हें नियमित किया जाए। बस्तियों को नियमित करने को राज्य सरकार को कानून बनाने की जरूरत है। वर्ष 2017 में हाईकोर्ट के एक आदेश से मलिन बस्तियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया था। उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद ने बस्तियों को बचाने को जन आंदोलन चलाया। इसके बाद राज्य की सरकार को 2018 में एक अध्यादेश लाना पड़ा। इसके परिणाम स्वरूप तीन वर्ष के लिए मलिन बस्तियों के ऊपर से खतरा टल गया। 2021 को फिर अध्यादेश लाया गया। इसकी समय सीमा 22 अक्तूबर को समाप्त हो रही है। ऐसे में एकबार फिर मलिन बस्तियों पर उजड़ने की तलवार लटक जाएगी। उन्होने कहा कि सरकार के बार बार अध्यादेश लाने से स्पष्ट है कि भाजपा सरकार इस मुद्दे को लटकाए रखना चाहती है। चुनावों से ठीक पहले लोगों को डरा कर वोट लेने का हथियार बना रही है। सरकार की नियत साफ है तो कानून बना कर लोगों को मालिकाना हक देना चाहिए। प्रदेश में जन भावनाओं के अनुरूप एक ऐसा भू कानून बनाना चाहिए, जिससे यहां की जमीनें भू माफिया खुर्दबुर्द न कर सकें। इसके लिए तिवारी सरकार में बने भू कानून में किए गए संशोधनों को वापस लिया जाए।