सनातन सभ्यता का विरोध करना कांग्रेस की नीति बन गई है। कांग्रेस के बड़बोले नेताओं का काम अब केवल सॉफ्ट टारगेट हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करना रह गया है। उन्हें विकास से कोई सरोकार नहीं है। अपने एक वक्तव्य में उपाध्यक्ष जिला पंचायत सुमंत तिवारी ने कहा कि आस्था और आध्यात्म का पवित्र केंद्र केदारनाथ धाम पर राजनीति चमकाने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और उनके सहयोगी अपनी कुर्सी बचाने के लिए अनाप शनाप बक रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर उनके नेता राहुल गांधी संसद में भगवान शंकर की प्रतिमा को बड़े अमानवीय और आपत्तिजनक तरीके से लहराकर हिंदुओं की आस्था पर तुषारापात किया है। कहा कि भोलेनाथ के धाम को सुरक्षित करने के नाम पर कांग्रेसी भोले के भक्त कांवड़ियों को भी अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांवड़ियों के मार्ग पर शुद्ध और सात्विक खाना खाने को लेकर जब नेम प्लेट जरूरी की गई तो यही कांग्रेस सरकार के इस निर्णय का विरोध करने लगे । अपने आकाओं को खुश करने के लिए कांग्रेस इतना गिर जाएगी कि अपने ही धर्म को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। आगामी केदारनाथ सीट पर उपचुनाव के मध्यनजर कांग्रेस केदारनाथ की पैदल यात्रा निकाल रही है, जो एक घिनौना आडंबर है, इन्ही नेताओं से पूछा जाए क्या यात्राकाल के दौरान वे केदारनाथ में मत्था टेकने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कांग्रेस अपनी बुद्धि की शुद्धि के लिए आध्यात्मिक यात्रा करते। श्री तिवारी ने कहा कि पूर्व विधायक मनोज रावत केदारनाथ गर्भगृह मैं स्वर्ण चोरी की बात केवल मीडिया में करते हैं, यदि उन्हें जरा भी शक है, तो एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के रूप में उन्हें जनहित याचिका दायर करनी चाहिए।