अमेरिकी ऑगर मशीन में आई तकनीकी खराबी, अब तक सुरंग में करीब 25 मीटर तक ही पाइप डाला गया

17 नवंबर 2023 उत्तराखंड : सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए राहत एवं बचाव अभियान शुक्रवार को छठे दिन भी जारी है। परंतु ड्रिलिंग कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आने के बाद से सुरंग में पाइप डालने का काम बंद है। अब तक सुरंग में करीब 25 मीटर तक ही पाइप डाला गया है। जबकि सुरंग में मलबा करीब 70 मीटर तक है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडियो से बातचीत में कहा कि इंजीनियर और वैज्ञानिक हर कोई काम कर रहा है। पाइप लगभग 25 मीटर पर डाला गया है। काम बहुत तेजी से चल रहा है। पीएम मोदी भी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।ड्रिलिंग कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन में अचानक तकनीकी खराबी आ गई है। मशीन आगे नहीं बढ़ पा रही है। बताया जा रहा है कि मशीन का बेयरिंग खराब हो रहा है, जिससे वह बार-बार ऊपर उठ रही है। अब एंकर लगाकर मशीन को प्लेटफार्म पर लगाया जा रहा है।
सुरंग में फंसे 40 मजदूरों में से कई लोगों के परिजन साइट पर ही हैं। प्रशासन की टीमें और परिजन मजदूरों से लगातार संवाद कर रहे हैं। वहीं, मजदूर भी एक दूसरे का हौसला बढ़ा रहे हैं।

सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए राहत एवं बचाव अभियान शुक्रवार को छठे दिन भी जारी है। अमेरिकी ऑगर मशीन के द्वारा अब तक सुरंग के मलबे में 24 मीटर तक ड्रिलिंग कर चार पाइप डाल दिए गए हैं। अब पांचवे पाइप को डालने के लिए वेल्डिंग का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही बैकअप में इंदौर से एक और ऑगर मशीन मंगवाई गई है।बैकअप के लिए एक और मशीन इंदौर से मंगवाई जा रही है। वर्तमान में काम कर रही मशीन में किसी भी तरह की खराबी आने पर बेकअप मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा।

अमेरिकी ऑगर मशीन से अभी तक 24 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। शुक्रवार सुबह ड्रिलिंग के वक्त एक बोल्डर मशीन के आगे आया था। अमेरिकी ऑगर मशीन से 900 एमएम व्यास के करीब करीब 10 से 12 पाइप डाले जाने हैं।

उत्तरकाशी के सिलक्यारा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाई जा रही सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) लगातार नजर बनाए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभियान की प्रगति का लगातार अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह बात कही। सुरंग निर्माण में बरती गई लापरवाही से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमारी अभी सबसे पहली प्राथमिकता 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की है।श्रीनगर को पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सुरंग में घटना घट जाने के बाद ह्यूम पाइप डाले जा रहे हैं जबकि सुरंग बनने के साथ ही ह्यूम पाइप डाले जाने चाहिए थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों के साथ सुरंग के बाहर दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दीपावली का अवकाश था तो उस दिन सुरंग के अंदर काम क्यों किया जा रहा था। उन्होंने सुरंग में बचाव कार्य के दौरान अधिकारियों के बीच सामंजस्य न होने का आरोप भी लगाया।

सिलक्यारा की सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए सरकार ने प्लान दर प्लान बना लिए लेकिन पांचवें दिन तक भी मजदूर बाहर की आबोहवा में चैन की सांस नहीं ले पाए। ऑपरेशन सिलक्यारा को लेकर अब न केवल परिजन बल्कि कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि इस पूरे मामले में बड़ी लापरवाही बरती गई।सिलक्यारा सुरंग में मलबे में ड्रिल कर डाले जा रहे पाइप का किसी कठोर वस्तु ने रास्ता रोक दिया है। चौथा पाइप आधा जाकर रुक गया है। अभी तक ड्रिलिंग 21 मीटर ही हो पाई है। तीन पाइप पूरे और चौथा पाइप आधा ही गया है। अमेरिकी ऑगर मशीन से 900 एमएम व्यास के करीब 10 से 12 पाइप डाले जाने हैं।

जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सिलक्यारा पहुंचे। रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल व एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खल्को ने उन्हें निर्माणाधीन सुरंग व रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने सुरंग के अंदर जाकर भी भूस्खलन वाली जगह का निरीक्षण किया। इस दौरान वीके सिंह ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालना पहली प्राथमिकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर सभी एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जब रेस्क्यू शुरू हुआ तो मलबा गिर रहा था। इसलिए मशीन से यहां ड्रिलिंग कर लोगों को बचाने का निर्णय लिया गया, लेकिन पुरानी मशीन में कुछ रुकावट आई। अब नई मशीन लगाई गई है, जिसकी पावर और स्पीड पुरानी मशीन से ज्यादा है। कोशिश है कि यह रेस्क्यू कार्य जल्द खत्म हो जाए।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके (सेवानिवृत्त) ने बृहस्पतिवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। पत्रकारों से वार्ता में केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि घटना के कारणों की अलग से गहन जांच होगी। वर्तमान में पहली प्राथमिकता सुरंग में फंसे लोगों को बचाना है। उन्होंने बचाव कार्य दो से तीन में पूरा कर लेने की बात कही है।

 

बुधवार देर रात तक ट्रक के माध्यम से यह मशीन सिलक्यारा टनल साइट तक पहुंचाई गई। जिसके बाद देर रात से ही मशीन को स्थापित करने का काम शुरू किया गया। जो कि बृहस्पतिवार सुबह तक चला। इसके बाद ड्रिलिंग शुरू की गई। दोपहर तक छह मीटर लंबाई का पहला एमएस पाइप अंदर डाला गया।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम तक 12 मीटर पाइप अंदर डाला गया है। इन पाइपों को वेल्डिंग कर जोड़ने में एक से दो घंटे का समय लग रहा है। वहीं पाइपों का एलाइनमेंट सही रखने की भी चुनौती बनी हुई है।

बता दें कि बीते रविवार को हुए भूस्खलन से सिलक्यारा सुरंग में 70 मीटर तक मलबा फैला हुआ है। जिस गति से नई मशीन ड्रिलिंग कर रही है, उसे देखकर यही लगता है कि अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में कम से कम 48 घंटे का समय और लग सकता है।सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जारी रेस्क्यू अभियान का आज छठवां दिन है। अमेरिकी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। अभी तक 24 मीटर ड्रिलिंग हो पाई है। जबकि बृहस्पतिवार शाम तक ड्रिलिंग कर 12 मीटर पाइप मलबे में डाले गए थे। छह मीटर का एक पाइप है। अमेरिकी ऑगर मशीन से 900 एमएम व्यास के करीब करीब 10 से 12 पाइप डाले जाने हैं।शुक्रवार सुबह ड्रिलिंग के वक्त एक बोल्डर मशीन के आगे आया था। अमेरिकी ऑगर मशीन से 900 एमएम व्यास के करीब करीब 10 से 12 पाइप डाले जाने हैं। यह मशीन एक घंटे में पांच से छह मीटर तक ड्रिलिंग कर रही है, लेकिन पाइप वेल्डिंग और एलाइनमेंट सही करने में करीब एक से दो घंटे का समय लग रहा है। जिससे मजदूरों को बाहर निकालने में कम से कम 48 घंटे का समय और लग सकता है।बृहस्पतिवार को सिलक्यारा सुरंग हादसे को पांच दिन का समय पूरा हो चुका है। आज रेस्क्यू का छठवां दिन है। बीते मंगलवार को सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाई गई थी, लेकिन क्षमता कम होने के चलते मंगलवार देर रात इसे हटा दिया गया था। जिसके बाद दिल्ली से 25 टन वजनी एक नई अत्याधुनिक ऑगर मशीन मंगवाई गई। जिसकी खेप बुधवार को सेना के तीन हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतारी गई।

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