देहरादून से कुछ दूर पानी में डूबे जंगल से रोते हुए निकल रहे युवक के चेहरे पर तैर रहा खौफ बता रहा था शुक्रवार की रात उस पर कहर बनकर गुजरी है। गांववाले जब पास पहुंचे, तो उसने सिसकते हुए जो बताया वह रोंगटे खड़े करने वाला था। जन्माष्टमी की रात जब चारों तरफ जश्न था, तब करीब 12 बजे वह अपने भाई के साथ स्कूटी से घर लौट रहा था। देहरादून से कुछ आगे रायपुर और थानो के बीच जो पुल हर दिन सैकड़ों लोगों के लिए सेल्फी पॉइंट बनता है, वह घुप अंधेरी रात में ‘मौत के कुएं’ में बदल चुका था। उत्तराखंड समेत पूरे पहाड़ी राज्यों में हो रही डराने वाली बारिश में सौंग नदी पर बना यह पुल भी किनारे से बह गया था। दोनों रोज की तरफ पुल से गुजरे और इससे पहले कि कुछ समझ पाते स्कूटी समेत उफनती सौंग नदी में समा गए थे। जैसे-तैसे एक युवक सुबह चमत्कारिक रूप से बाहर निकल आया और डरावनी रात की पूरी आपबीती सामने रखी। दूसरा युवक, जिसे वह अपना भाई बता रहा था, उसकी कोई खबर नहीं है।