9 अक्टूबर 2023 : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि पार्टी की कार्य समिति ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है क्योंकि यह हिंदुस्तान के भविष्य के लिए जरूरी है। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के ज्यादातर घटक दल जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कार्य समिति ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना के विचार का समर्थन करने का फैसला हुआ। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला लिया है. INDIA गठबंधन की अधिकतर पार्टियों ने भी जातिगत जनगणना पर सहमति जताई है. कुछ पार्टियों को दिक्कत हो सकती है लेकिन ठीक है. हम फासीवादी पार्टी नहीं है. लेकिन गठबंधन की अधिकतर पार्टियों ने जातिगत जनगणना पर सहमति जताई है. राहुल ने कहा कि यह धर्म या जाति के बारे में नहीं है. यह गरीब तबके के बारे में है. यह जातिगत जनगणना गरीब लोगों के लिए है. फिलहाल दे भारत हैं. एक अडानी का भारत और दूसरा गरीबों का भारत. हमें इस नए एक्सरे की जरूरत है.
राहुल गांधी ने कहा कि 2014 और 2015 में हमने जातिगत जनगणना कराई थी. तक हमारी सरकार का कार्यकाल समाप्त हुआ, 2018 में गठबंधन सरकार आ गई. हमने समिति के चेयरमैन से इन आंकड़ों को जारी करने को कहा. हमारे चार मुख्यमंत्रियों में से तीन ओबीसी समुदाय से थे जबकि बीजेपी के 10 मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ एक मुख्यमंत्री ओबीसी है. जब मैंने ओबीसी प्रतिनिधित्व में असमानता का मुद्दा उठाया, प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं कहा. प्रधानमंत्री ओबीसी के लिए काम नहीं करते हैं. उनका काम ओबीसी वर्ग को भ्रमित करना है. बहार सरकार ने हाल ही में राज्य में कराई गई जातिगत जनगणना के आकंड़ें जारी किए थे. इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है.
बिहार सरकार के मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट जारी की थी. बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा बताई है. अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है.