25 मई 2023 : देहरादून-दिल्ली के बीच उत्तराखंड की पहली वंदे भारत रेलगाड़ी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए रवाना करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आधारभूत संरचनाओं के आधुनिकीकरण पर ध्यान न देने के लिए दूसरे दलों की पिछली सरकारों की आलोचना की और कहा कि इन दलों का ध्यान घोटालों, भ्रष्टाचार तथा परिवारवाद पर था और इससे बाहर निकलने की उनमें ताकत ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले हर वर्ष 600 किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण होता था जो अब बढ़कर 6000 किलोमीटर प्रतिवर्ष हो गया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 90 फीसदी रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण हो चुका है और उत्तराखंड में शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो गया है। मोदी ने कहा कि 2014 के बाद रेल बजट में हुई वृद्धि का लाभ उत्तराखंड को भी मिला। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले उत्तराखंड को रेल सेवाओं के विस्तार के लिए 200 करोड़ रुपये से भी कम मिलते थे लेकिन आज उसे 5000 करोड़ रुपये मिल गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ”21वीं सदी का भारत अपने बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण से और भी तेजी से समृद्ध हो सकता है। लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली पार्टियों को पहले इसका एहसास नहीं था। उनका ध्यान घोटालों और भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर था। वे परिवारवाद की राजनीति से बाहर नहीं निकल सके। उन्होंने ‘हाई-स्पीड’ रेलगाड़ियों के बारे में भी बड़े-बड़े दावे किये थे लेकिन कुछ नहीं हुआ।” उन्होंने कहा कि पहली बार देश में ऐसी सरकार बनी है जिसके पास विकास हासिल करने के लिए नीयत, नीति और निष्ठा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अभी-अभी तीन देशों की यात्रा से लौटे हैं और कह सकते हैं कि पूरी दुनिया भारत की ओर बड़ी उम्मीद से देख रही है। उन्होंने कहा, ”विभिन्न चुनौतियों के बावजूद पिछले कुछ वर्षों में भारत ने जिस तरह से अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, पूरी दुनिया उसकी सराहना करती है।” उन्होंने कहा, ”देश को समझने के लिए दुनियाभर से पर्यटक भारत आना चाहते हैं। उत्तराखंड के लिए यह बड़ा अवसर है।” उत्तराखंड के विकास के लिए ‘डबल इंजन’ की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार का पूरा जोर ‘विकास के नवरत्नों’ पर है।
मोदी ने ‘विकास के नवरत्नों’ के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इनमें केदारनाथ और बदरीनाथ में 1300 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्निर्माण कार्य, 2500 करोड़ रुपये की लागत से गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे का कार्य और 2000 करोड़ रुपये की लागत से टिहरी झील विकास परियोजना के कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कुमांउ में पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन, पूरे राज्य में ‘होमस्टे’ को बढ़ावा देना, प्रदेश में 16 ‘इकोटूरिज्म’ (पारिस्थितिकी पर्यटन) गंतव्यों को विकसित करना, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना, 2000 करोड़ रुपये की लागत से टिहरी झील विकास परियोजना, ऋषिकेश और हरिद्वार को साहसिक पर्यटन और योग की राजधानी के रूप में विकसित करना और टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन परियोजना पर जल्द काम करना प्रदेश में विकास के अन्य नवरत्न हैं। मोदी ने कहा कि इन नवरत्नों की माला को पिरोने के लिए प्रदेश में आधारभूत संरचनाएं विकसित करने की कई परियोजनाएं पहले से जारी है जिन्हें पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने नई ऊर्जा दी है। इस संबंध में उन्होंने 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रही चारधाम महापरियोजना, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे, रोपवे परियोजनाएं, पर्वतमाला परियोजना, 16,000 करोड़ रुपये की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद उत्तराखंड का एक बड़ा क्षेत्र यहां के निवासियों और पर्यटकों के लिए सुगम हो जाएगा और यहां निवेश, उद्योग और रोजगार के नए अवसर सामने आयेंगे। उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों की तरफ देश-विदेश के पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत रेलगाड़ी उत्तराखंड के विकास के लिए एक भव्य उपहार साबित होगी। मोदी ने कहा कि हर वर्ष चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ देती है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में होने वाले कुंभ और अर्धकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रदेश में आते हैं जबकि कांवड़ यात्रा के दौरान भी लाखों-करोड़ों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। उन्होंने कहा, ”देश में ऐसे राज्य कम ही हैं जहां इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या उपहार भी है और उन्हें संभाल पाना एक भगीरथ कार्य भी है।” उन्होंने कहा कि इसी कार्य को आसान बनाने के लिए ‘डबल इंजन’ की सरकार डबल गति से काम कर रही है।
मोदी ने फिर कहा कि यह उत्तराखंड का दशक है । उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से आने वाले समय में प्रदेश पूरे विश्व की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनेगा। यहां रेलवे स्टेशन पर हुए इस कार्यक्रम में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे। कुल आठ कोच वाली यह वंदे भारत रेलगाड़ी सप्ताह के छह दिन देहरादून से सुबह सात बजे चलकर पूर्वाह्र पौने बारह बजे दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। यह रेलगाड़ी विधिवत रूप से 28 मई से संचालित होगी। इस वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का निर्माण स्वदेश में किया गया है और यह ‘कवच’ तकनीक सहित उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस है।