क्षतिग्रस्त चलने योग्य नहरों की मरम्मत तत्काल की जाये: महाराज

देहरादून। सिंचाई विभाग की क्षतिग्रस्त चलने योग्य नहरों की मरम्मत हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार करते हुए बजट में प्राविधान कराते हुए शीघ्र चलाया जाये तथा आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल की कमी के दृष्टिगत समस्त नहरों को चलाने हेतु तत्काल कार्यवाही की जायें।

उक्त बात प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की शनिवार को यमुना कॉलोनी स्थित सिंचाई भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित स्त्रोतो तथा गदेरों में बहने वाले अतिरिक्त जल को संग्रहण करने हेतु टैंको का निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे ग्रीष्मकाल में जल का उपयोग पेयजल हेतु किया जा सके।

सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद रूद्रप्रयाग में लस्तर नहर के निर्माण हेतु नवीन डी०पी०आर० तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ किये जाने हेतु कार्यवाही की जाये तथा नवीन डी०पी०आर० में पूर्व में आपूर्ति लिये गये पाईपों का भी उपयोग सुनिश्चित किया जाये।

श्री महाराज ने कहा कि जमरानी एवं साँग बाँध परियोजना हेतु पुनर्वास किये जाने में पर्वतीय क्षेत्रों के संयुक्त खातों एवं बंटवारा न होने के सम्बन्ध में स्थिति साफ करने के बाद ही मुआवजे आदि पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
उन्होने कहा कि राज्य की विभिन्न नदियों के तल आवासीय एवं अन्य क्षेत्रों में ड्रेजिंग तथा R.B.M. निस्तारण न होने से ऊँचे होने के कारण प्रतिवर्ष बाढ़/जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है इसके निराकरण हेतु विभाग द्वारा माह अप्रैल, 2023 तक उक्त स्थलों का चिन्हीकरण करते हुये जिलाधिकारी के माध्यम से R.B.M. का निस्तारण अथवा नदियों का चैनेलाईजेशन किया जाना सुनिश्चित किया जाय।

श्री महाराज ने कहा कि जमरानी एवं सौंग बाँध परियोजनाओं की केन्द्र सरकार से स्वीकृति हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाये एवं इस हेतु विशेष रूप से अधिकारियों की नियुक्ति करते हुए निर्देशित किया जाये। राज्य में अवस्थित सभी डैमों की Dam Safety के दृष्टिगत विशेष कार्यशाला आयोजित की जाये। सभी डेमो की Safety से सम्बन्धित बिन्दुओ पर चर्चा करते हुए सुरक्षा की दृष्टि से कार्ययोजना भी तैयार की जाय। राज्य में अवस्थित जलाशयों की Safety analysis भूकम्प की दृष्टि से भी अनिवार्य रूप से की जाये।

समीक्षा बैठक में जीर्ण-शीर्ण तथा बन्द नहरों को चलाये जाने हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार करते हुए स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन को तत्काल उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए।

सिंचाई मंत्री ने रामनगर में स्थित भरतपुरी-पम्पापुरी बाढ़ सुरक्षा योजना की तत्काल स्वीकृति हेतु कार्यवाही की जाये तथा नाले में वन क्षेत्र में स्थित फूल ताल से आने वाले पानी की सीधी निकासी नदी में किये जाने हेतु परीक्षण करवाने को भी कहा।

उन्होने कहा कि सतपुली तथा स्यूंसी में झील निर्माण हेतु संशोधित डी०पी०आर० शीघ्र तैयार करते हुए स्वीकृति हेतु माह अप्रैल में शासन को सुसंगत मद में उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें तथा योजनाओं में सिंचाई, पेयजल तथा पर्यटन Component को अवश्य सम्मिलित किया जाये।

समीक्षा बैठक में संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता जयपाल, लघु सिंचाई विभाग के एचओडी बी.के तिवारी, पुनीत कुमार मल्ल, राजीव रंजन, आर.के. गुप्ता, आर. के. तिवारी, संजीव कुमार श्रीवास्तव, प्रशांत बिश्नोई, नवीन, सुभाष चंद्रा, डीसी सनवाल, पी.के. सिंह सहित अनेक सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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