बेरोजगार युवाओं पर हुए लाठीचार्ज के लिए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मांगी माफी

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में बेरोजगार युवाओं पर हुए लाठीचार्ज के लिए माफी मांगी है।त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह नहीं होना चाहिए ​था। उन्होंने कहा कि मैं पूर्व मुख्यमंत्री और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते माफी मांगता हूं।देहरादून में पेपरलीक प्रकरण और भर्तियों में धांधली के खिलाफ युवाओं का आंदोलन हुआ। इस दौरान युवा और पुलिस के बीच संघर्ष भी हुआ। जिसमें पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालांकि इस प्रकरण में पुलिस ने कुछ उपद्रवी तत्वों पर आरोप लगाया, जिन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी की। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। हालांकि सीएम धामी ने इस प्रकरण के बाद नकल विरोधी कानून लागू करने की दिशा में सख्त कदम उठाया और प्रदेश में अब देश का सबसे सख्त कानून लागू हो चुका है। इस बीच पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस प्रकरण को लेकर माफी मांगने के बाद एक बार फिर मामला गरमा गया है। त्रिवेंद्र के माफी मांगने पर अब त्रिवेंद्र सरकार में गैरसेंण में हुए लाठीचार्ज का मुद्दा भी गरमा गया है। त्रिवेंद्र सरकार के समय भी गैरसेंण कूच कर रहे कांग्रेसी और अन्य लोगों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया था। ऐसे में त्रिवेंद्र अब विपक्ष के निशाने पर भी आ गए हैं।

0पेपर लीक मामले को त्रिवेंद्र रावत ने बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस मामले में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई कर आरोपितों को जेल भेज दिया है। प्रदेश में अब देश का सबसे सख्त नकल कानून भी लागू हो चुका है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विक्टोरिया क्रास विजेता दरबान सिंह की ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल चलाने की कल्पना को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ही पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पहाड़ी भू भाग में रेल चलाने का सपना प्रधानमंत्री मोदी के कारण ही आज सच होता जा रहा है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन का पहाड़ की जनता का सपना अब बहुत जल्दी साकार भी होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सक्षम नेतृत्व और उनकी दृढ़संकल्पशक्ति के कारण ही बीते नौ सालों में ही रक्षा क्षेत्र में भी अब भारत निर्यात करने वाले देशों की श्रेणी में आ गया है। जबकि इससे पहले आजादी के 70 सालों में रक्षा क्षेत्र में भारत आयातक ही था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब विश्व पटल पर मजबूती के साथ अपना प्रभाव भी छोड़ रहा है।

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