ओ.बी.सी कमीशन उत्तराखण्ड में शामिल विभिन्न क्षेत्रों जातियां और मुख्य रूप से गोरखा समुदाय को वर्तमान समय तक आरक्षण का लाभ प्राप्त शून्य के बराबर है, इस लिए कि पहाड़ी जनपदों में जितने भी गोरखा परिवार हैं उन्हें तो राजस्व विभाग के लेखपालों द्वारा ( विदेशी ) कहते हुए जाति प्रमाण पत्र जारी करने को तैयार नहीं है, तो आरक्षण क्यों कर मिलें । गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में दोनों ही जगहों पर एक ही माहौल बना हुआ है, इस पर गहराई से जांच कराने की आवश्यकता है। रहा देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर इन तीनों जिलों में भी ओ.बी.सी प्रमाण पत्र 1% या 2% को जारी करते हैं। जबकि 2011 तक 16 से 30 प्रति % तक जारी किया जा रहा था।
परन्तु उस समय दिक्कत आरक्षण कोटा 5% तक ही दिया जा रहा था और वर्तमान में कोटा सही दिया जा रहा है तो ओ बी सी प्रमाण पत्र वाले कम है कारण तहसीलों में लेखपाल और तहसीलदार सप्ताह में एक दिन जनता के कार्य के लिए दो तीन घंटे तहसील में पाये जाते हैं। यदि सोमवार से शुक्रवार तक तहसील में जनता के लिए 09 बजे से 02 बजे तक भी काम करेंगे तो जनता की परेशानी काफी हद तक दूर हो सकती है। मुख्यमंत्री जी आप मुझे ओ०बी०सी० वर्ग की सेवा करने का मौका दें। ताकि ओ०बी०सी० कमीशन में इनकी सभी समस्याऔं को सुलझाने का कार्य कर सकूँ।
माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन देने हेतु, प्रतिनिधि मंडल में शामिल अखिल भारतीय गोरखा मोर्चा पार्टी ( एन.डी.ए ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन जे बी कार्की, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शुभम कुमार वर्मा,नवीन पाठक, दीक्षा, पोलन,अंकित तिवारी आदि मौजूद रहे.