इलाज करने वाले डॉक्टर ने खुद ही खून डोनेट कर बचाई मरीज की जान

देहरादून|उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक बेहतरीन खबर आई है| यहां दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक मरीज को कहीं से खून नहीं मिल पाया तो उसका इलाज करने वाले डॉक्टर ने खुद ही खून डोनेट कर उसकी जान बचा ली|यह जानकारी जब बाहर आई तो सोशल मीडिया पर लोग डॉक्टर के इस कदम की सराहना कर रहे हैं| कॉलेज प्रबंधन और राज्य सरकार ने भी डॉक्टर की खूब प्रशंसा की है|उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने कहा कि डॉ. शशांक ने इंसानियत की मिशाल पेश की है|

अस्पताल के प्रवक्ता महेंद्र भंडारी ने बताया कि दून निवासी मरीज अवधेश गहरे गड्ढे में गिर कर गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे| यहां उनका इलाज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में तैनात ऑर्थो सर्जन डॉ. शशांक सिंह कर रहे थे| जांच में पाया गया कि मरीज के सीने, बाएं हाथ और जांघ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया है| तीन दिन आईसीयू में रखने के बाद भी जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने उनकी जांघ की हड्डी का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया| लेकिन शरीर में खून की कमी के चलते इसमें दिक्कत आ रही थी|

अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक मरीज की बेटी ने खून देने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कुछ समस्या होने की वजह से वह खून नहीं दे पायी| इसी प्रकार उनके कुछ रिश्तेदार भी ब्लड डोनेशन के योग्य नहीं पाए गए| ऐसे में समस्या हो गई कि मरीज के लिए खून की व्यवस्था कहां से हो. इसकी जानकारी जैसे ही डॉक्टर शशांक को लगी, उन्होंने तत्काल उस मरीज के लिए खून डोनेट किया और थोड़ी ही देर बाद उसके ऑपरेशन के लिए थिएटर भी पहुंच गए|

डॉ. शशांक मरीज के लिए खून दे ही रहे थे कि यह खबर पूरे कॉलेज में फैल गई. तुरंत मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, एमएस डॉ. यूसुफ रिजवी, डीएमएस डॉ. एनएस खत्री, डॉ. धनंजय डोभाल, एचओडी डॉ. अनिल जोशी आदि पहुंच गए. सभी डॉ. शशांक के इस कदम का स्वागत किया और तारीफ की. इतने में उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी तारीख करते हुए कहा कि डॉ. शशांक ने इंसानियत की बेहतरीन तस्वीर पेश की है|

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