- केदार भंडारी गुमशुदगी मामले की जांच एक बार फिर शुरू कर दी गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम कांग्रेसी नेताओं ने भी केदार भंडारी के परिजनों को समर्थन दिया है. जांच दोबारा शुरू होने के बाद भी अभी तक इस मामले में कुछ निकलकर सामने नहीं आया है. जिससे परिजनों में आक्रोश है. नाराज परिजनों ने आज देहरादून के गांधी पार्क में धरना शुरू कर दिया है. केदार भंडारी के परिजनों के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी धरना दिया. कांग्रेस जनों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरना देते हुए सरकार से लापता केदार भंडारी को तलाशने की मांग उठाई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य में बिगड़ रही कानून व्यवस्था को लेकर डीजीपी को पद से हटाने की मांग की है.
22 अगस्त को चुनेर गांव का केदार भंडारी अग्निवीर भर्ती के लिए कोटद्वार आया था. वापसी में वह तपोवन के होटल में रुका. जहां उस पर परमार्थ निकेतन में चोरी करने का आरोप लगा. मामले में मुनि की रेती थाना पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर लक्ष्मण झूला थाना पुलिस के हवाले कर दिया. परमार्थ निकेतन की ओर से आरोपी के पकड़े जाने तक कोई तहरीर नहीं मिली. इसलिए पुलिस ने केदार सिंह को बैरक में एक पीआरडी जवान की निगरानी में बैठा दिया.
पुलिस का दावा है कि इस दौरान केदार भंडारी पीआरडी के जवान को धक्का देकर थाने से बाहर भाग गया. जिसका पुलिस ने काफी दूर तक पीछा किया. पुलिस का दावा है कि केदार भंडारी लक्ष्मण झूला पुल पर चढ़कर गंगा में कूद गया. यह सारी घटना स्थानीय लोगों ने भी देखी. वहीं, सीसीटीवी कैमरे में भी पूरी वारदात कैद हुई. तभी से लगातार केदार के परिजन पुलिस पर उत्पीड़न करने और लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं.
मामले में कोटद्वार के एएसपी शेखर सुयाल अपनी जांच पूरी कर चुके हैं. जिसमें पीआरडी के जवान और थाना लक्ष्मण झूला के हेड मुहर्रिर की लापरवाही सामने आई है. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार शायद एएसपी जांच से इत्तेफाक नहीं रख रहे हैं. इसलिए उन्होंने मामले की जांच अब डीआइजी गढ़वाल को सौंप दी है.