दार्जिलिंग/कोलकाता, 12 अक्टूबर — पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को उत्तर बंगाल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का छह दिवसीय दौरा शुरू किया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित परिवारों को ₹1.2 लाख की आर्थिक सहायता देने और राहत कार्यों में लगे कर्मियों को पुरस्कार देने की घोषणा की।
भारी बारिश से तबाही, 32 की मौत
अक्टूबर की शुरुआत में उत्तर बंगाल के जिलों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने कहर बरपाया। अब तक कम से कम 32 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की अनुग्रह राशि और परिवार के एक सदस्य को होमगार्ड की नौकरी देने का वादा दोहराया।
दौरे का कार्यक्रम: हासिमारा से कलिम्पोंग तक
कोलकाता हवाई अड्डे पर रवाना होने से पहले ममता ने बताया कि वह सबसे पहले अलीपुरद्वार जिले के हासिमारा जाएंगी, जहां राहत कार्यों की समीक्षा बैठक होगी। इसके बाद नागराकाटा, मिरिक, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग का दौरा कर पुनर्वास कार्यों का जायजा लेंगी। शुक्रवार को वह कोलकाता लौटकर काली पूजा समारोह का उद्घाटन करेंगी।
प्रशासनिक समर्पण की सराहना
मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों में जुटे अधिकारियों की प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि सरकार त्वरित सहायता और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए पूरी तरह तत्पर है। उन्होंने बताया कि रोहिणी भूस्खलन स्थल पर अगले 5–6 दिनों में काम पूरा हो जाएगा, जबकि मिरिक में अस्थायी पुल 7–8 दिनों में तैयार हो सकता है।
‘आमादेर पारा आमादेर समाधान’ योजना से 2.5 करोड़ लोगों को राहत
ममता ने एपीएएस (आमादेर पारा आमादेर समाधान) कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला, जिसके तहत प्रति बूथ ₹10 लाख की राशि आवंटित की गई है। इस योजना पर कुल ₹8,000 करोड़ खर्च होने की संभावना है। अब तक 31,700 लक्षित बूथों में से 28,300 में आवंटन पूरा हो चुका है, जिससे लगभग 90% प्रभावितों तक सहायता पहुंच चुकी है। इस कार्यक्रम से 2.5 करोड़ लोगों को राहत मिली है।