सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की धुनों के बीच तीन हज़ार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं।
भैयादूज के पावन पर्व पर गुरुवार को परंपरानुसार भगवान आशुतोष के ग्याहरवें ज्योतिर्लिंग श्रीकेदारनाथ धाम के कपाट सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद हुए। सुबह तीन बजे केदारनाथ मंदिर खोला गया और चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हुई। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया। ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों आदि से ढका गया।
इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आह्नान के साथ ही गर्भगृह और मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। और फिर पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा में श्रद्धालु पहुंचे है।
यात्रा के इतिहास में पहली बार दर्शनार्थियों का आंकड़ा 15 लाख 61 लाख से अधिक रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया।
कारोबार, रोजगार के लिए फलीभूत रही केदारनाथ यात्रा।
यात्रा में बरसाती सीजन में भी रहा खास उत्साह।
बीकेटीसी, जीएमवीएन की आमदानी बढ़ी।
स्वर्णमंडित हुआ केदारनाथ मंदिर का गर्भगृह।
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हेलीकॉप्टर क्रैश दुर्घटना में पायलट सहित सात लोगों की मौत।
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