रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में हाल के सांप्रदायिक तनाव और आतंकवादियों की ओर से की जा रही टारगेट किलिंग के पीछे एक ‘विदेशी साजिश’ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केंद्र शासित प्रदेश के किसी भी हिस्से से फिर से जबरन पलायन नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि गिलगित-बाल्तिस्तान के साथ पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है, जिसे पता है कि यह जमीन डोगरा शासन के संस्थापक महाराजा गुलाब सिंह के साम्राज्य का हिस्सा था, इसके बावजूद वह इस तरह के आश्चर्यजनक दावे करता है।
मंत्री ने यहां महाराजा गुलाब सिंह के ‘राज्याभिषेक’ के 200वें वर्ष के उपलक्ष्य में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में कुछ ताकतें हैं जिन्होंने हमेशा सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है और कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया है। हाल में, सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिशें बढ़ीं…भद्रवाह शहर (डोडा जिला) में सांप्रदायिक तनाव हमारी संस्कृति के खिलाफ है।’
जम्मू कश्मीर के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे चरण में जम्मू पहुंचे सिंह ने कहा कि कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता अगर उसकी आबादी समुदायों में विभाजित रहे। उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में, हमारा पड़ोसी देश नफरत के बीज बोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 1947-48 से लेकर हाल में (कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा) लक्षित हत्याओं तक, इसके पीछे एक विदेशी साजिश है।’
भारत के आगे बढ़ने से पड़ोसी देश खुश नहीं
पाकिस्तान का नाम लिए बिना रक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद भारत के आगे बढ़ने से पड़ोसी देश खुश नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमें इस साजिश को नाकाम करना है और जम्मू कश्मीर के लोगों को खुद अपना भविष्य बनाने की जरूरत है। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार ने 2014 में पहली बार सत्ता में आने पर जम्मू कश्मीर की समस्या को हल करने का संकल्प लिया था, जब मैं गृह मंत्री था। नए गृह मंत्री (अमित शाह) के नेतृत्व में काम तेज गति से चल रहा है।’
कश्मीर और लद्दाख की ‘नए भारत’ में प्रमुख भूमिका है
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख की ‘नए भारत’ में प्रमुख भूमिका है। सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार ने पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी हों, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के निवासी हो या चंब के प्रवासी हों, विस्थापित लोगों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए।
‘विस्थापित लोगों का दर्द देखा है’
राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर ने विस्थापित लोगों का दर्द देखा है और ‘हम केंद्र शासित प्रदेश के किसी भी हिस्से से किसी भी समुदाय, चाहे हिंदू हो या मुसलमान या ईसाई, को फिर से विस्थापित नहीं होने देंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम किसी का जबरन पलायन नहीं होने देंगे।’