26 अक्टूबर 2023 : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा छत्तीसगंढ़ के अकबर’ वाले अपने बयान को लेकर बुरे फंस गए हैं। उनके इस बायन के मद्देनजर चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। छत्तीसगढ़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने भूपेश बघेल की सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सनातन धर्म को कमजोर कर, राज्य में धर्म परिवर्तन का बाजार खोल दिया है। छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “एक अकबर अगर एक जगह पर आता हैं तो वे सौ अकबर को बुला कर लाते हैं, ये बात भूलिए मत। इसलिए जितनी जल्दी हो सके उस अकबर को आप विदा कीजिए नहीं तो मां कौशल्या की यह भूमि अपवित्र हो जाएगी।”
रैली के दौरान बोलेत हुए शर्मा ने कहा, “हमारे देश में कांग्रेस के शासन काल में लव जिहाद ती शुरुआत हुई। आज छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और हमारे असम जैसे राज्यों में आदिवासियों को हर दिन धर्मांतरण के लिए उकसाया जाता है। जब उनके खिलाफ आवाज उठती है तो मुकेश बघेल जी बोलते हैं हम लोग सेक्यूलर हैं। हिंदू को मारना-ठोकना क्या आपका सेक्यूलरिज्म है? ये देश हिन्दू का देश है और ये देश हिन्दू का ही रहेगा। ये सेक्यूलरिजम की भाषा हमें मत सिखाइए।”
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हिमंत बिश्वा सरमा ने समाज के कुछ वर्गों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की मंशा से ये टिप्पणियां कीं। कांग्रेस ने ज्ञापन में ‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए लोक सेवकों और सैनिकों को दिए गए सरकारी आदेशों’ के खिलाफ शिकायत की है। उसका कहना है कि सरकार का यह कदम आदर्श आचार संहिता और केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 का उल्लंघन है।
सरमा के इस बयान के मद्देनजर चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए असम के मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस भेजा है। सरमा को 30 अक्टूबर सोमवार शाम 5 बजे तक अपना जवाब पेश करने के लिए कहा है, नहीं तो चुनाव आयोग उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा।