समान नागरिक संहिता पर विश्व हिंदू परिषद में प्रस्ताव पारित, पूरे देश में लागू करने की मांग

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक के दूसरे दिन समान नागरिक संहिता पूरे देश में लागू करने समेत चार प्रस्ताव पारित किए गए। समान नागरिक संहिता पर उत्तरखंड में कमेटी बनाए जाने पर संतों ने सरकार का साधुवाद भी किया है।  हरिद्वार में निष्काम सेवा ट्रस्ट में रविवार को दो दिवसीय बैठक के आखिरी सत्र के बाद विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने पत्रकारों से वार्ता कर बताया कि देशभर से आए संतों के साथ हुए मंथन के उपरांत चार प्रस्ताव पारित किए गए हैं।

समान नागरिक संहिता के अलावा धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त सख्त कानून बनाने, कुटुंब प्रबोधन से देशभर में जन जागरण चलाकर हिंदू परिवारों को मजबूत बनाने और हिंदू मंदिरों को सरकारी अधग्रिहण से मुक्त करने को लेकर प्रस्ताव पारित हुए हैं।

उत्तराखंड में सत्यापन होना जरूरी
समान नागरिक संहिता और सत्यापन पर परांडे ने कहा कि सरकार ने नीति घोषित की है। नीति का पालन होना चाहिए। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के लिए कमेटी बनाने का संतों ने बैठक में स्वागत किया है। विचार-विमर्श के उपरांत यह कानून पूरे देश में लागू होना चाहिए।

इसके लिए विहिप का भी अनुमोदन है। सत्यापन भी किया जाना आवश्यक है। वर्ष 2011 से अचानक उत्तराखंड की आबादी में 13 से 14 फीसदी का इजाफा हुआ है। नेपाल से अल्मोड़ा तक बांग्लादेशी मुस्लिम पहुंच रहे हैं। नेपाल के तराई क्षेत्र में रहने वाले मुस्लिम भी भारत में घुसकर भारत के नागरिक बने बैठे हैं। पहाड़ों में ऐसे लोग घुस गए हैं जो हानिकारक है। इसलिए सत्यापन होना बहुत जरूरी है।

कश्मीर में हिन्दुओं की रक्षा को पुख्ता इंतजाम हों
कश्मीर में हिंदुओं को टारगेट कर की जा रही हत्याओं पर भी बैठक में चिंता व्यक्त की गई। ऐसे लोगों पर कठोरता से कार्रवाई करने की मांग की गई है। विहिप के महामंत्री ने कहा कि अनुच्छेद-370 हटाने के बाद कश्मीर में हिंदू स्थापित हो रहे हैं। यह कई लोगों के मन को दुखी कर रहा है।

जिन लोगों का हिंसा और अत्याचार में विश्वास है, ऐसे लोग जम्मू-कश्मीर में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इसमें हमारी मांग है कि हिंदू समाज की रक्षा के लिए अधिक प्रयास और पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए। इस तरह की हिंसा करने वालों पर कठोरता से कार्रवाई होनी चाहिए और यह कार्य तुरंत किया जाना जरूरी है।

देश में हिंसा फैलाने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई
जुमे की नमाज के बाद देशभर में प्रदर्शन और पथराव की घटनाओं पर संतों ने चिंता जाहिर की। ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की। परांडे ने कहा कि जुमे की नमाज के बाद जो हुआ उसको लेकर संतों में रोष है। जो लोग हिंदुओं के लिए गलत शब्द का प्रयोग कर रहे हैं। हेट स्पीच दे रहे हैं, उन पर कड़ा एक्शन लिया जाना जरूरी है। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे गहरा षड्यंत्र है।

देशभर से पहुंचे संत
केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में उड़ीसा, बंगाल, असम, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, पंजाब, राजस्थान समेत देश के कोने-कोने से साधु-संत पहुंचे। इस अवसर पर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष (महानिर्वाणी) श्रीमहंत रविंद्रपुरी, स्वामी अवधेशानंद गिरी, स्वामी कैलाशानंद गिरी, स्वामी चिदानंद मुनि, स्वामी परमानंद सरस्वती, श्री महंत ज्ञानदेव, महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद, विहिप के दिनेश चंद्र, चंपत राय, विनायक राव, अनुज वालिया, नितिन गौतम, भूपेंद्र सैनी, वीरेंद्र कीर्तिपाल आदि मौजूद रहे।

अयोध्या, मथुरा और काशी के स्थान हिन्दू समाज को मिलें
परांडे ने कहा कि ज्ञानवापी की प्रक्रिया कोर्ट में चल रही है। विहिप की भी प्राथमिकता है कि अयोध्या, मथुरा और काशी के स्थानों की प्राप्ति हिन्दू समाज को होनी चाहिए। इसके लिए संतों ने भी संकल्प प्रकट किया है। अयोध्या, मथुरा और काशी के स्थानों की प्राप्ति के लिए हिन्दू समाज और संतों का मार्गदर्शक मंडल अटल है। अगर कोई कहता है कि हम ऐसा नहीं होने देंगे, तो देश का कानून बलवान है। ऐसी बातें करने वालों का घमंड जल्द चूर-चूर हो जाएगा।

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