गुजरात में ऊर्जा क्रांति की ओर बड़ा कदम: टीएचडीसी और राज्य सरकार के बीच 2,210 मेगावाट पंप स्टोरेज परियोजना हेतु ऐतिहासिक समझौता

📍 ऋषिकेश, 10 अक्टूबर 2025 — देश की ऊर्जा क्षमता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने गुजरात सरकार के साथ 2,210 मेगावाट की अंजन कुंड पंप स्टोरेज परियोजना (PSP) के विकास हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजना गुजरात के डांग जिले में ₹13,200 करोड़ के नियोजित निवेश के साथ स्थापित की जाएगी।

🗓️ वाइब्रेंट गुजरात क्षेत्रीय सम्मेलन में हुआ समझौता 09 अक्टूबर को मेहसाणा में आयोजित वाइब्रेंट गुजरात क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान इस MoU का आदान-प्रदान हुआ। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल सहित कई केंद्रीय और राज्य स्तरीय मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और ऊर्जा क्षेत्र के दिग्गज उपस्थित रहे।

👥 उपस्थित प्रमुख हस्तियाँ

  • श्री प्रहलाद जोशी, केंद्रीय मंत्री (नवीकरणीय ऊर्जा)
  • श्री कनुभाई देसाई, वित्त व ऊर्जा मंत्री, गुजरात
  • श्री पंकज जोशी, मुख्य सचिव, गुजरात
  • श्री गुरदीप सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनटीपीसी
  • श्री आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल

🗣️ टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता श्री आर. के. विश्नोई ने इस समझौते को भारत की विद्युत आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति और ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने में सहायक होगी। उन्होंने टिहरी की 1,000 मेगावाट की पंप स्टोरेज परियोजना की सफलता को टीएचडीसी के नेतृत्व की मिसाल बताया।

🤝 समझौते की शर्तें गुजरात सरकार परियोजना के लिए आवश्यक राज्य-स्तरीय सहयोग प्रदान करेगी, जबकि टीएचडीसीआईएल इसके विकास का नेतृत्व करेगा। MoU पर गुजरात सरकार की ओर से श्री अजय प्रकाश (MD, GPCIL) और टीएचडीसी की ओर से श्री नीरज वर्मा (ED, NCR) ने हस्ताक्षर किए।

🎯 प्रदर्शनी में दिखा उत्साह टीएचडीसीआईएल द्वारा लगाए गए स्टॉल ने सम्मेलन में आए आगंतुकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया, जिसमें परियोजना की तकनीकी विशेषताओं और संभावनाओं को प्रदर्शित किया गया।

🏢 टीएचडीसी का परिचय टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड एक अनुसूची ‘ए’ मिनी रत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जिसकी इक्विटी एनटीपीसी लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच साझा की जाती है।

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